Hindi, asked by radhika2201, 7 months ago

मेट्रो रेल महानगरों का सुखद स्वपन :​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

मैट्रों स्टेशन और रेल के अंदर पूर्ण रूप से सफाई रहती है। यह पूरी तरह से वातानुकुलित होती है। लोगों ने मैट्रों का सफर करना ज्यादा पसंद किया है क्योंकि इसमें बस के सफर की तरह धुल मिट्टी और भीड़ नहीं होती है। यह बहुत ही आरामदायक होती है। मैट्रों का प्रयोग विकलांग और दृष्टी हीन लोग भी आसानी से कर सकते हैं। मैट्रों रेल ने लोगों की जिंदगी को गति प्रदान की है और उन्हें दिल्ली ट्रैफिक जाम में फँसने से भी बचाया है। ज्यादातर लोग दिल्ली भ्रमण के लिए भी मैट्रों रेल का प्रयोग करते है क्योंकि यह टैक्सी आदि से सस्ती पड़ती है।

दिल्ली में हर व्यक्ति को लगता है कि मेट्रो रेलवे उन्हें बहुत लाभान्वित होंगे। यह काम के अपने स्थानों तक पहुंचने में उनकी कीमती समय और ऊर्जा को बचाएगा। यह किसी भी प्रदूषण का कारण नहीं होगा। कभी-कभी, प्रत्येक सिक्का के दो पहलू होते हैं हर चांदी के बादल में एक अंधेरे परत है। इससे दैनिक कन्मुटर-इन के खर्च में वृद्धि होगी। मेट्रो रेलवे अपने दरवाजों से लोगों को नहीं उठाएंगे, न ही उन्हें अपने काम के स्थानों पर छोड़ देंगे।

I am not doing this for follower.

only I have passion of teaching.

thnx for asking such a question

Answered by ankajvaish2016
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Answer:

भारत की राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा सुविधा प्रदान करने वाली मैट्रों ट्रेन ही है। इसकी सबसे पहली लाईन 2006 में बन गई थी। इस समय दिल्ली में लगभग 200 मैट्रों रेल चल रही हैं। मैट्रों रेल की वजह से दिल्ली में लोगों के समय की, भागदौड़ की और धन की बचत हुई है। सड़को पर चलने वाले निजी वाहनों में भी कमी आई है जिससे कि प्रदुषण भी कम हुआ है। मैट्रों रेल स्वचालित होती है और इसके अंदर हर स्टेशन की घोषणा होती है। मैट्रों रेल की यात्रा के लिए टॉकन दिया जाता है या फिर छोटे स्मार्ट कार्ड का प्रयोग किया जाता है।

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