English, asked by shakiralishakirali65, 7 months ago

मंदिर मस्जिद गिरजाघर में बाँट दिया भगवान को
धरती बाँटी, सागर बाँटा, मत बाँटो इनसान को।
अभी राह तो शुरू हुई है, मंजिल लेकिन दूर है,
उजियाला महलों में बंदी, हर दीपक मजबूर है।
मिला न सूरज का संदेशा, हर घाटी मैदान को,
धरती बाँटी सागर बाँटा, मत बाँटो इनसान को।
अब भी हरी-भरी धरती है, ऊपर नील-वितान है,
पर न प्यार हो तो जग सूना, जलता रेगिस्तान है।
अभी प्यार का जल देना है, हर जलती चट्टान को,
धरती बाँटी, सागर बाँटा, मत बाँटो इनसान को।​

Answers

Answered by AkankshaAndShreya
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Explanation:

N.C.E.R.T

class 6th poem in last page

I'will read this poem in class 6

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