Biology, asked by punamdeviprince, 10 months ago

मृदुतक की संरचना एवं कार्यों का वर्णन करें?
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Answered by ashutoshpandeyn
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Answer:

ये समान व्यास वाली (Isodiametric) जीवित कोशिकाओं से बना है जो अंडाकार या गोल हो सकती हैं। कोशिकाओं के बीच रिक्त स्थान पाया जाता है। इनकी कोशिका भित्ति पतली और हेमिसेलूलोज और सेल्युलोज से बनी होती है।

इनकी कोशिकाओं में रिक्तिका (Vacuole) पायी जाती है और केन्द्रक का आकार छोटा होता है। कोशिकाओं में सघन और जीवित प्रोटोप्लाज्म होता है।

ये विभज्योतक से विभेदित होने वाला प्रथम उत्तक है। इनकी कोशिकाएँ मेरिस्टेमेटिक गतिविधि दिखा सकती हैं इसलिए इन्हें संभावित मेरिस्टेमेटिक ऊतक (Potential Meristematic Tissue) भी कहा जाता है।

मृदूतक का कार्य:

मृदूतक मुख्य कार्य भोजन का संचय करना है।

पैरेन्काइमा पादपो में घाव भरने का कार्य करता है।

ऐरेन्काइमा उत्प्लावन (Buoyancy) प्रदान करता है।

दीर्घोत्तक मैकेनिकल सपोर्ट / यांत्रिक सहारा देती है।

क्लोरेन्काइमा प्रकाश संश्लेषण का कार्य करती है।

इडियोब्लास्ट एरगेस्टिक (Ergastic) पदार्थों के संचय में मदद करती है।

Answered by manojchauhanma2
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Answer:

दारु या जाइलम (xylem) पौधों में पाये जाने वाले दो संवहन ऊतको में से एक है (दूसरा संवहन ऊतक फ्लोएम है)। जाइलम एक ऐसा जटिल स्थाई ऊतक है जो संवहन बंडल के अन्दर पाया जाता है। ... रसारोहण की क्रिया जाइलम के भीतर से होती है। इसका निर्माण चार प्रकार की कोशिकाओं से हुआ है।

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