Social Sciences, asked by mwrs9286, 1 year ago

मेवात हरियाणा का सबसे पिछड़ा इलाका है। वह गुड़गाँव और फ़रीदाबाद जिले का हिस्सा हुआ करता था। मेवात के लोगों को लगा कि इस इलाके को अगर अलग जिला बना दिया जाय तो इस इलाके पर ज्यादा ध्यान जाएगा। लेकिन, राजनीतिक दल इस बात में कोई रुचि नहीं ले रहे थे। सन् 1996 में मेवात एजुकेशन एंड सोशल आर्गेनाइजेशन तथा मेवात साक्षरता समिति ने अलग जिला बनाने की माँग उठाई। बाद में सन् 2000 में मेवात विकास सभा की स्थापना हुई। इसने एक के बाद एक कई जन-जागरण अभियान चलाए। इससे बाध्य होकर बड़े दलों वानी कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल को इस मुद्दे को अपना समर्थन देना पहा। उन्होंने फ़रवरी 2005 में होने वाले विधान सभा के चुनाव से पहले ही कह दिया कि नया ज़िला बना दिया जाएगा। नया जिला सन् 2005 को जुलाई में बना।इस उदाहरण में आपको आंदोलन, राजनीतिक दल और सरकार के बीच क्या रिश्ता नजर आता है? क्या आप कोई ऐसा उदाहरण दे सकते हैं जो इससे अलग रिश्ता बताती हो?

Answers

Answered by nikitasingh79
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उत्तर :  

यह उदाहरण हमें बताता है कि मेवात में दो दबाव समूह थे जिन्होंने लोगों को अच्छे ढंग से ध्यान रखने के लिए आवाज उठाई। यहां तक कि एक और दबाव समूह मेवात विकास सभा ने इसके लिए आंदोलन भी चलाया । इन दबाव समूहों के आंदोलन के कारण राजनीतिक दलों को भी आंदोलनों को अपना समर्थन देना पड़ा ताकि आने वाले चुनावों में अधिक से अधिक मत प्राप्त किए जा सके। उनके प्रयासों के कारण मेवात को जिले का दर्जा दिया गया । जिससे पता चलता है कि सरकार को दबाव समूह तथा राजनीतिक दलों की मांगों को मानना ही पड़ा ।

हम इसका एक और उदाहरण ले सकते हैं पड़ोसी राज्य पंजाब का। जहां पर किसान यूनियनों ने किसानों के लिए मुफ्त बिजली की मांग की। दोनों मुख्य दल कांग्रेस तथा अकाली दल इस मांग पर सहमत हो गए तथा वायदा किया कि सत्ता में आने पर ऐसा ही करेंगे। इससे पता चलता है कि दबाव समूह सरकारी नीतियां बनाने और बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

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