Maan lijiye aapki kasha M kuch vishist aavshaykta wale bacche hai to unki sahayta k maddgaar k roop M kaise lenge
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मानव जीवन का उद्देश्य है कि अपने मन, वचन और काया से औरों की मदद करना। हमेशा यह देखा गया है कि जो लोग दूसरों की मदद करते हैं, उन्हें कम तनाव रहता है, मानसिक शांति और आनंद का अनुभव होता है। वे अपनी आत्मा से ज़्यादा जुड़े हुए महसूस करते हैं, और उनका जीवन संतोषपूर्ण होता है। जबकि स्पर्धा से खुद को और दूसरों को तनाव रहता है।
अगर मेरी कक्षा में कोई विशिष्ट बच्चा होता तो उसका पहला दोस्त मैं ही बनती क्योंकि विशिष्ट बच्चें ईश्वर का वरदान होते है। इनकी मदद करने से ईश्वर की कृपा सदा बनी रहती है।
अगर स्कूल में खास बच्चे के लिए रोई व्यवस्था नहीं होगी तो मैं अपने स्कूल रे प्ाचीर्य महेदय से अपील करूंगी कि वह उसके आने जाने के लिए एक रैम बनाएं जिससे उसे रोई तकलीफ़ न हो।
मुझसे जितना हो सकेगा मैं एक दोस्त और मानवता के खातिर अपने उस दोस्त के लिए जान हाजिर कर दूंगी।
अगर मेरी कक्षा में कोई विशिष्ट बच्चा होता तो उसका पहला दोस्त मैं ही बनती क्योंकि विशिष्ट बच्चें ईश्वर का वरदान होते है। इनकी मदद करने से ईश्वर की कृपा सदा बनी रहती है।
अगर स्कूल में खास बच्चे के लिए रोई व्यवस्था नहीं होगी तो मैं अपने स्कूल रे प्ाचीर्य महेदय से अपील करूंगी कि वह उसके आने जाने के लिए एक रैम बनाएं जिससे उसे रोई तकलीफ़ न हो।
मुझसे जितना हो सकेगा मैं एक दोस्त और मानवता के खातिर अपने उस दोस्त के लिए जान हाजिर कर दूंगी।
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