Hindi, asked by sabinakhatun18200, 11 months ago

madhur hai strot madhur hai lahari kis Kavita ki pankti hai​

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Answered by nahh2001
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Answer:

झरना पर कविता

Explanation:

मधुर हैं स्रोत मधुर हैं लहरी 

न हैं उत्पात, छटा हैं छहरी 

मनोहर झरना। 

कठिन गिरि कहाँ विदारित करना 

बात कुछ छिपी हुई हैं गहरी 

मधुर हैं स्रोत मधुर हैं लहरी 

कल्पनातीत काल की घटना 

हृदय को लगी अचानक रटना 

देखकर झरना। 

प्रथम वर्षा, से इसका भरना 

स्मरण हो रहा शैल का कटना 

कल्पनातीत काल की घटना 

कर गई प्लावित तन मन सारा 

एक दिन तब अपांग की धारा 

हृदय से झरना- 

बह चला, जैसे दृगजल ढरना। 

प्रणय वन्या ने किया पसारा 

कर गई प्लावित तन मन सारा 

प्रेम की पवित्र परछाई में 

लालसा हरित विटप झाँई में 

बह चला झरना। 

तापमय जीवन शीतल करना 

सत्य यह तेरी सुघराई में 

प्रेम की पवित्र परछाई में॥

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