Chemistry, asked by harshu53, 1 year ago

Madhya Pradesh par nibandh


raahul072: plz mark it brainleast if possible..
harshu53: okay,thanks for answer
raahul072: plz mark it brainleast.....
harshu53: ok
raahul072: thnx bro.....

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Answered by raahul072
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भारत के दिल में बसे मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं। मध्यप्रदेश 1 नवंबर, 2000 तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटाकर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। 
प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती हैं। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है। 

 

संस्कृति में मध्यप्रदेश जगमगाते दीपक के समान :भारत की संस्कृति में मध्यप्रदेश जगमगाते दीपक के समान है, जिसकी रोशनी की सर्वथा अलग प्रभा और प्रभाव है। यह विभिन्न संस्कृतियों की अनेकता में एकता का जैसे आकर्षक गुलदस्ता है, मध्यप्रदेश, जिसे प्रकृति ने राष्ट्र की वेदी पर जैसे अपने हाथों से सजाकर रख दिया है, जिसका सतरंगी सौन्दर्य और मनमोहक सुगंध चारों ओर फैल रहे हैं। यहां के जनपदों की आबोहवा में कला, साहित्य और संस्कृति की मधुमयी सुवास तैरती रहती है। यहां के लोक समूहों और जनजाति समूहों में प्रतिदिन नृत्य, संगीत, गीत की रसधारा सहज रूप से फूटती रहती है। यहां का हर दिन पर्व की तरह आता है और जीवन में आनंद रस घोलकर स्मृति के रूप में चला जाता है। इस प्रदेश के तुंग-उतुंग शैल शिखर विन्ध्य-सतपुड़ा, मैकल-कैमूर की उपत्यिकाओं के अंतर से गूंजते अनेक पौराणिक आख्यान और नर्मदा, सोन, सिंध, चंबल, बेतवा, केन, धसान, तवा नदी, ताप्ती, शिप्रा, काली सिंध आदि सर-सरिताओं के उद्गम और मिलन की कथाओं से फूटती सहस्त्र धाराएं यहां के जीवन को आप्लावित ही नहीं करतीं, बल्कि परितृप्त भी करती हैं।
संस्कृति संगम :मध्यप्रदेश में पांच लोक संस्कृतियों का समावेशी संसार है। ये पांच सांस्कृतिक क्षेत्र है :- 

1. निमाड़ 

2. मालवा 

3. बुन्देलखंड

4. बघेलखंड

5. ग्वालियर (चंबल)
 

प्रत्येक सांस्कृतिक क्षेत्र या भू-भाग का एक अलग जीवंत लोकजीवन, साहित्य, संस्कृति, इतिहास, कला, बोली और परिवेश है। जीवनशैली, कला, साहित्य और वाचिक परंपरा मिलकर किसी अंचल की सांस्कृतिक पहचान बनाती है।

 

मध्यप्रदेश की संस्कृति विविधवर्णी है। गुजरात, महाराष्ट्र अथवा उड़ीसा की तरह इस प्रदेश को किसी भाषाई संस्कृति में नहीं पहचाना जाता। मध्यप्रदेश विभिन्न लोक और जनजातीय संस्कृतियों का समागम है। यहां कोई एक लोक संस्कृति नहीं है। यहां एक तरफ पांच लोक संस्कृतियों का समावेशी संसार है, तो दूसरी ओर अनेक जनजातियों की आदिम संस्कृति का विस्तृत फलक पसरा है।


harshu53: you are very well brainiest
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