मगर कोठारी में बैठने की देर थी कि ऑखों में छल-छल ऑसू बहने लगे। दुपटटे से बार-बार उन्हें पोंछती पर वे बार बार उमड़ आते, जैसे बरसों का बांध तोड़कर उमड़ आये हों। माँ ने बहुतेरा दिल को समझाया, हाथ जोड़े, भगवान का नाम लिया, बेटे के चिरायु होने की प्रार्थना की । व्याख्या करें।. Prasang bhi bataea
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cry so much..
Explanation:
have a great life
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