महाभारत के योद्धाओं के नाम के साथ उनकी कुछ विशेषताएं बताइए।
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Explanation:
1) सहदेव भविष्य में होने वाली हर घटना को पहले से ही जान लेते थे। वे जानते थे कि महाभारत होने वाली है और कौन किसको मारेगा और कौन विजयी होगा। लेकिन भगवान कृष्ण ने उन्हें शाप दिया था कि अगर वह इस बारे में लोगों को बताएगा तो उसकी मृत्य हो जाएगी।
2) बर्बरीक दुनिया के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे। बर्बरीक के लिए तीन बाण ही काफी थे जिसके बल पर वे कौरवों और पांडवों की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे।
3) महाभारत युद्ध में संजय वेदादि विद्याओं का अध्ययन करके वे धृतराष्ट्र की राजसभा के सम्मानित मंत्री बन गए थे। आज के दृष्टिकोण से वे टेलीपैथिक विद्या में पारंगत थे।
4) गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा हर विद्या में पारंगत थे। वे चाहते तो पहले दिन ही युद्ध का अंत कर सकते थे, लेकिन कृष्ण ने ऐसा कभी होने नहीं दिया।
5) कर्ण से यदि कवच-कुंडल नहीं हथियाए होते, यदि कर्ण इन्द्र द्वारा दिए गए अपने अमोघ अस्त्र का प्रयोग घटोत्कच पर न करते हुए अर्जुन पर करता तो आज भारत का इतिहास और धर्म कुछ और होता।
6) कुंती-वायु के पुत्र थे भीम अर्थात पवनपुत्र भीम। भीम में हजार हाथियों का बल था। युद्ध में भीम से ज्यादा शक्तिशाली उनका पुत्र घटोत्कच ही था।
7) माना जाता है कि कद-काठी के हिसाब से भीम पुत्र घटोत्कच इतना विशालकाय था कि वह लात मारकर रथ को कई फुट पीछे फेंक देता था
8) अभिमन्यु ने अपनी मां सुभद्रा की कोख में रहकर ही संपूर्ण युद्ध विद्या सीख ली थी। माता के गर्भ में रहकर ही उसने चक्रव्यूह को भेदना सीखा था।
9) शांतनु-गंगा के पुत्र भीष्म का नाम देवव्रत था। उनको इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था। वे स्वर्ग के आठ वसुओं में से एक थे जिन्होंने एक श्राप के चलते मनुष्य योनी में में जन्म लिया था।
10) दुर्योधन का शरीर वज्र के समान कठोर था, जिसे किसी धनुष या अन्य किसी हथियार से छेदा नहीं जा सकता था। लेकिन उसकी जांघ श्रीकृष्ण के छल के कारण प्राकृतिक ही रह गई थी। इस कारण भीम ने उसकी जांघ पर वार करके उसके शरीर के दो फाड़ कर दिए थे।
11) जरासंघ का शरीर दो फाड़ करने के बाद पुन: जुड़ जाता था। तब श्रीकृष्ण ने भीम को इशारों में समझाया की दो फाड़ करने के बाद दोनों फाड़ को एक दूसरे की विपरित दिशा में फेंक दिया जाए।
12) बलराम सबसे शक्तिशाली व्यक्ति थे। यदि वे महाभारत के युद्ध में शामिल होते तो सेना की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। दरअसल बलराम का संबंध दोनों ही पक्ष से घनिष्ठ था|
13) यह सुनने में अजीब है कि युद्ध के लिए अर्जुन के बेटे इरावन की बलि दी गई थी। बलि देने से पहले उसकी अंतमि इच्छा थी कि वह मरने से पहले शादी कर ले।
14) एकलव्य का नाम तो सभी ने सुना होगा। एकलव्य अपनी विस्तारवादी सोच के चलते जरासंध से जा मिला था।
15) शकुनी भी मायावी था। उसके पासे उसकी ही बात मानते थे। युद्ध में शकुनी ने श्रीकृष्ण और अर्जुन को मोहित करते हुए उनके प्रति भयंकर तरीके से माया का प्रयोग किया था।
इसके अलावा भूरिश्रवा, सात्यकी, युयुत्सु, नरकासुर का पुत्र भगदत्त आदि कई अन्य योद्धा भी थे। इस तरह हमने देखा कि महाभारत में कई तरह के विचित्र और मायावी योद्धा थे। उपर हमें कुछ खास योद्धाओं का ही वर्णन किया।