महँगाई की समस्या essay
Answers
Answer:
भूमिका- आज विश्व के देशों के सामने दो समस्याएं प्रमुख हैं – मुद्रा स्फीति तथा महंगाई । जनता अपनी सरकार से मांग करती है कि उसे कम दामों पर दैनिक उपभोग की वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाएं । विशेषकर विकासशील देश अपनी आर्थिक कठिनाइयों के कारण ऐसा करने में असफल हो रहे हैं । लोग आय में वृद्धि की भी मांग करते हैं । देश के पास धन नहीं । ‘ फलस्वरूप मुद्रा का फैलाव बढ़ता है, सिक्के की कीमत घटती है, महंगाई और बढ़ती है ।
महंगाई के कारण- भारत की प्रत्येक सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम करने के आश्वासन दिए किन्तु महंगाई बढ़ती ही चली गई । इस कमर-तोड़ महंगाई के अनेक कारण हैं । महंगाई का सबसे बड़ा कारण होता है, उपज में कमी । सूखा पड़ना, बाईं आना अथवा किसी कारण से उपज में कमी हो जाए तो वस्तुओं के दाम बढ़ना स्वाभाविक है । लगभग दस वर्ष पूर्व भारत को इतिहास के प्रबलतम सूखे का सामना करना पड़ा । फलस्वरूप अनाज का भारी मात्रा में आयात करना पड़ा । देश का यह बड़ा दुर्भाग्य है कि हम अभी तक अनाज के उत्पादन की दिशा में पूर्णतया स्वावलम्बी नहीं हो पाए हैं । हरित-क्रान्ति के अन्तर्गत बहुत-से कार्यक्रम चलाए गए अधिक उपज वाले बीजों का आविष्कार तथा प्रयोग बढ़ा, रासायनिक खाद के प्रयोग से भी उपज बड़ी, किन्तु हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति न हो सकी ।
महंगाई के कारण- भारत की प्रत्येक सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम करने के आश्वासन दिए किन्तु महंगाई बढ़ती ही चली गई । इस कमर-तोड़ महंगाई के अनेक कारण हैं । महंगाई का सबसे बड़ा कारण होता है, उपज में कमी । सूखा पड़ना, बाईं आना अथवा किसी कारण से उपज में कमी हो जाए तो वस्तुओं के दाम बढ़ना स्वाभाविक है । लगभग दस वर्ष पूर्व भारत को इतिहास के प्रबलतम सूखे का सामना करना पड़ा । फलस्वरूप अनाज का भारी मात्रा में आयात करना पड़ा । देश का यह बड़ा दुर्भाग्य है कि हम अभी तक अनाज के उत्पादन की दिशा में पूर्णतया स्वावलम्बी नहीं हो पाए हैं । हरित-क्रान्ति के अन्तर्गत बहुत-से कार्यक्रम चलाए गए अधिक उपज वाले बीजों का आविष्कार तथा प्रयोग बढ़ा, रासायनिक खाद के प्रयोग से भी उपज बड़ी, किन्तु हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति न हो सकी ।