महिलाओं को सार्वजनिक गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति न होना, अल्पसंख्यकों के लिए धर्म की आजादी न होना। यह कथन लोकतंत्र की किस प्रकार की चुनौती दर्शता है?
Answers
पितृसत्ता और धर्म निरपेक्षता
Explanation:
महिलाओं को सार्वजनिक गतिविधियों में भाग ना लेने
महिलाओं को सार्वजनिक गतिविधियों में भाग ना लेने की अनुमति देना दर्शाता है कि किस प्रकार से समाज में महिलाओं को निम्न दर्जा दिए जाता है। यह समस्या एक समाज व लोकतंत्र पितृसत्ता की वजह से उत्पन्न होती है। जिसमें केवल पुरुषों को सारे बड़े पदों पर रखा जाता है, लोकतंत्र में भाग लेने दिया जाता है, सारे निर्णय लेने दे जाते हैं तथा महिलाओं को निम्न स्तर का व्यक्ति समझा जाता है, और उनसे काम ना करा कर, लोकतंत्र में भागना दिला कर, केवल घर संभालने को कहा जाता है।
इससे लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी का नुकसान तो होता ही है साथ ही देश का भी नुकसान होता है। किसी देश की आधी आबादी को उस देश के संचालन से बाहर कर देने का अर्थ है कि एक देश केवल आधी कुशलता से कार्य करेगा जो कि एक देश के विकास के लिए हानिकारक है।
अल्पसंख्यकों के लिए धर्म की आजादी ना होना
एक देश के विकास के लिए बहुत ही आवश्यक है कि वह देश धर्मनिरपेक्षता को अपनाएं। धर्मनिरपेक्षता से लोगों में खुले विचारों वाली सोच उत्पन्न होती है। और वह एक समाज को आगे ले जाने के लिए यह बहुत आवश्यक है। किसी देश में यदि अल्पसंख्यकों को अपने धर्म का पालन करने की आजादी प्राप्त नहीं होती तो यह अभिव्यक्ति की आजादी और उसके मौलिक अधिकारों का हनन है।