History, asked by baldevsingh23492349, 5 months ago

महाराजा बुध की शिक्षाओं का वर्णन करें​

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Answered by Anonymous
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इनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थीं, जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और धर्मपत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग एवं सत्य दिव्य ज्ञान की खोज में रात्रि में राजपाठ का मोह त्यागकर वन की ओर चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बन गए।

Answered by kmeghathakur12
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बुद्ध की शिक्षाओं का सार है- शील, समाधि और प्रज्ञा। सर्व पाप से विरति ही 'शील' है। शिव में निरंतर निरति 'समाधि' है। इष्ट-अनिष्ट से परे समभाव में रति 'प्रज्ञा' है। भगवान बुद्ध प्रज्ञा व करुणा की साक्षात मूर्ति थे। ये दोनों ही गुण उनमें उत्कर्ष की पराकाष्ठा प्राप्त कर समरस होकर समाहित हो गये थे। महात्मा बुद्ध के अनुसार धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में सभी स्त्री एवं पुरुषों में समान योग्यता एवं अधिकार हैं। इतना ही नहीं, शिक्षा, चिकित्सा और आजीविका के क्षेत्र में भी वे समानता के पक्षधर थे। उनके अनुसार एक मानव का दूसरे मानव के साथ व्यवहार मानवता के आधार पर होना चाहिए, न कि जाति, वर्ण और लिंग आदि के आधार पर।

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