History, asked by Akshitsahota1, 5 months ago

महात्मा गांधी का मानना था कि धर्म मानव जीवन का अभिन्न अंग है। धर्म मनुष्य के साथ ही अस्तित्व में आया। उसे बाद में नहीं
खोजा गया। धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य और अहिंसा को अपनाने का अर्थ है धर्म को अपनाना। इसे अपनाकर मनुष्य
के जीवन में शांति आती है। उसकी भटकन दूर हो जाती है। अहिंसा का अर्थ है किसी भी प्राणी के प्रति हिंसा का भावना न रखना।
क) धर्म किन बातों पर आधारित है?
ख) धर्म को अपनाने का मनुष्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
ग) अहिंसा का क्या अर्थ है?
घ)क्षनिम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:-
1)जीवन
2)शाति
ङ)इस गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।​

Answers

Answered by gatesindia1
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Answer:

Explanation:

अहिंसा का सामान्य अर्थ है 'हिंसा न करना'। इसका व्यापक अर्थ है - किसी भी प्राणी को तन, मन, कर्म, वचन और वाणी से कोई नुकसान न पहुँचाना। मन में किसी का अहित न सोचना, किसी को कटुवाणी आदि के द्वार भी नुकसान न देना तथा कर्म से भी किसी भी अवस्था में, किसी भी प्राणी कि हिंसा न करना, यह अहिंसा है। जैन धर्म एवं हिन्दू धर्म में अहिंसा का बहुत महत्त्व है। जैन धर्म के मूलमंत्र में ही अहिंसा परमो धर्म: (अहिंसा परम (सबसे बड़ा) धर्म कहा गया है। आधुनिक काल में महात्मा गांधी ने भारत की आजादी के लिये जो आन्दोलन चलाया वह काफी सीमा तक अहिंसात्मक था।

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