Hindi, asked by mohdshaim018, 8 months ago


महात्मा गाँधी का समस्त जीवन दर्शन श्रम सापेक्ष था। उनका
समस्त अर्थशास्त्र यही बताता था की प्रत्येक उपभोक्ता को
उत्पादनकर्ता होना चाहिए। उनकी नीतियों की उपेक्षा करने के
परिणाम हम आज भी भोग रहे है। न गरीबी कम होने में आती है,
न बेरोज़गारी पर नियंत्रण हो पा रहा है और न अपराधो की वृद्धि
हमारे वश की बात रही है। उनका मानना था की पसीना टपकाने
के बाद मन को संतोष और तन को सुख मिलता है, भूख भी
लगती है और चैन की नींद भी आती है। (क) गांधी जी का
अर्थशास्त्र क्या बताता था ?​

Answers

Answered by chetan4853
0

उनका

समस्त अर्थशास्त्र यही बताता था की प्रत्येक उपभोक्ता को

उत्पादनकर्ता होना चाहिए।

Answered by mohdarshad969094
0

Answer:

उचीत श्रीरसक कया है

इसका

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