महादेवी वर्मा की कविता बंदनी जननी का भावार्थ बताइए
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महादेवी वर्मा की कविता बंदनी जननी का भावार्थ :
- यह कविता महादेवी वर्मा ने परतंत्र भारत के संदर्भ में लिखी है। बंदिनी व जननी भारत माता के लिए प्रयोग किए गए शब्द है। बंदिनी का अर्थ है पराधीन या परतंत्र । जननी का अर्थ है माता , मां , जन्म देने वाली।
- पराधीन रहने का अर्थ है कैद में रहना ।
- भारत भूमि को कभी सर्वश्रष्ठ माना जाता था। इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था।
- जब अग्रेजों ने भारत पर शासन किया तब भारत माता बंदी बन गई। कभी इस धरती पर महापुरुषों ने जन्म लिया था तो यहां पर बुरी प्रवृत्ति वाले लोगो ने भी जन्म लिए।
- ऐसे लोग भी आगे आए जिन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य ही भारत मां को गुलामी की बेड़ियों से आजाद कराना था। यह काम बहुत कठिन था किन्तु पूर्वजों के आशीर्वाद से हमारी भारत माता बड़े संघर्षों के बाद आजाद हुई।
- अब हम स्वतंत्र देश के वासी है। शासन व्यवस्था हम लोगो के ही हाथों में है। अब यह हमारे हाथो में है कि हम इसे प्रतिष्ठित व पवित्र बनाए या फिर किसी महात्मा को यहां इस कार्य के लिए जन्म लेना होगा।
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