Hindi, asked by loveojha2806, 11 months ago

महायज्ञ का पुरस्कार कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

Answers

Answered by shishir303
37

“महायज्ञ का पुरस्कार” कहानी जिसे प्रसिद्ध कहानीकार यशपाल ने लिखा है, उस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमेशा हमें सदैव परोपकारी बने रहना चाहिए। हमारे हृदय में प्राणी मात्र के लिए प्रेम और दया की भावना सदैव बलवती रहनी चाहिए। कहानी के मुख्य पात्र सेठ जी जिस तरह स्वयं भूखे रहकर अपने लिए लाई रोटियों को भूखे कु्त्ते को खिला देते हैं और स्वयं पानी पीकर गुजारा कर लेते हैं, वह निःस्वार्थ परोपकार एक अनुकरणीय उदाहरण है। धन्ना सेठ की पत्नी ने जिस तरह सेठजी को अपने महायज्ञ के बेचने का प्रलोभन दिया लेकिन सेठ जी ने उसकी बात ना मानी और उस कार्य को अपना कर्तव्य माना। अंततः उन्हें इसका फल भी प्राप्त हुआ इसलिए हमें सेठ जी के आचरण से प्रेरणा लेते हुए सदैव भलाई एवं परोपकारी के कार्य करके अपने जीवन को सार्थक करना चाहिए। यही इस कहानी का मूल संदेश और शिक्षा है।

Answered by sindhu789
25

महायज्ञ का पुरस्कार कहानी से हमें शिक्षा मिलती है-

Explanation:

महायज्ञ का पुरस्कार, एक काल्पनिक कथा है। जिसके लेखक यशपाल जी ने परोपकार की शिक्षा पाठकों को दी है। अतः महायज्ञ का पुरस्कार कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सच्चा यज्ञ वह है जो निःस्वार्थ भाव से प्राणीमात्र की भलाई के लिए किया गया कार्य हो।

हमें सभी प्राणियों पर दया करनी चाहिए। मुसीबत के समय दूसरों की सहायता करना ही हमारी सच्ची ईश्वर सेवा है और यही हमारा परम कर्तव्य भी है।

Similar questions