Political Science, asked by rahulbhabar673, 9 months ago

महल में दायमा अरावली पहाड़ बन कर बैठ गई है अरावली पहाड़ तो तुम लोग बनास नदी बनकर बहुत खूब नाचो गाओ जो आज कोई उत्सव का दिन नहीं था फिर भी उन्होंने कहा मेरे बनवाए हुए मयूर पक्ष कुंड में दीपदान करो मालूम हो जैसे मैं पानी पानी हो गए हो और बिजलियां टुकड़े टुकड़े हो गए हो इसकी व्याख्या बताओ​

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Answered by mahadevagowda528
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write in english. ............ . ....

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