mahanagar m kon sa samas h
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महा है नगर जो बहुव्रीहि समास
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महानगर में “ बहुब्रीही समास ” है।
- महानगर अर्थात महान है जो नगर।
- दो या दो से अधिक पदों के सार्थक मेल को समास कहते हैं।
- समास का मूल काम होता है 'संक्षिप्तिकरण' । दो या दो से अधिक पदों को संच्छिप्त करना ही समास है।
- समास के मुख्यत: छः भेद होते हैं— अव्ययी भाव समास , तत्पुरुष समास , कर्मधारय समास , द्विगु समास , द्वन्द्व समास एवम् बहुव्रीहि समास ।
- इन सभी समासों में दो पद होते हैं। इनमे कोई मुख्य पद तथा कोई गौड़ पद होता है।
- इन्ही पदों की प्रधानता के आधार पर समास को विभाजित किया जाता है।
- जिस समासिक पद में दोनो में से कोई पद प्रधान नहीं होता तथा किसी अन्य पद की प्रधानता होती है, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
- उदाहरण — महान है जो नगर अर्थात महानगर। इसमें महान और नगर कोई पद प्रधान नहीं है, बल्कि तीसरा पद महानगर प्रधान है।
#SPJ3
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