महतां प्रकृतिः सैव वर्धितानां परैरपि।
न जहाति निजं भावं संख्यासु लाकृतिर्यथा ।।5।।
स्त्रियां रोचमानायां सर्वं तद् रोचते कुलम्।
तस्यां त्वरोचमानायां सर्वमेव न रोचते ।।6।।
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महतां प्रकृतिः सैव वर्धितानां परैरपि।
न जहाति निजं भावं संख्यासु लाकृतिर्यथा ।।5।।
हिंदी में अर्थ है : जिस प्रकार महान पुरुष अपनी प्रशंसा सुन कर अपने ऊपर अहंकार नहीं करते है | उनका स्वभाव वैसा ही रहता है जैसे वह पहले से होते है | वह किसी भी ऊँचे पद पर चले वह बदलते नहीं है | उसी प्रकार संख्याओं में नौ संख्या अपना आकार नहीं बदलता है |महान पुरुष अपना सरल और विन्रम स्वभाव नहीं छोड़ते |
स्त्रियां रोचमानायां सर्वं तद् रोचते कुलम्।
तस्यां त्वरोचमानायां सर्वमेव न रोचते ।।6।।
हिंदी में अर्थ है : परिवार में स्त्री के खुश रहने से सारा परिवार खुश रहता है | यदि परिवार में स्त्री खुश न हो तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता है | परिवार को आगे चलाने और खुश रखने के लिए एक स्त्री का सम्मान होना चाहिए और उसे हमेशा खुश रखना चाहिए |
Answer:
djjdudywxjjdsushys
Explanation:
cljxsu