महत्वपूर्ण प्रश्न (IMPORTA
1. शारीरिक सुयोग्यता एवं आरोग्यता का क्या अर्थ है?
इन का दैनिक जीवन में क्या महत्व है?
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Explanation:
शारीरिक सुयोग्यता क्रोध को सहन करने और तनाव को दूर करने में सहायक होती है यह एक अच्छे स्वास्थ्य का सीन है यह प्रत्येक मनुष्य में विभिन्न भिन्न होती है क्योंकि इस पर पैतृक आदतों, व्यायाम, आयु तथा लिंग का प्रभाव पड़ता है.
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Answer:
शारीरिक सुयोग्यता को हम शारीरिक पुष्टि भी कह सकते हैं। शारीरिक सुयोग्यता हम मनुष्य के ऐसी अवस्था को कह सकते हैं जो किसी मनुष्य के द्वारा दैनिक जीवन का प्रत्येक कार्य प्रभावशाली और सुंदर तरीके से कर सकें।
Explanation:
- शरीर से जो पुष्ट एवं सुयोग्य व्यक्ति होते हैं उनमें क्रोध को सहने और तनाव को दूर करने की क्षमता होती है, अर्थात् शारीरिक सुयोग्य उस व्यक्ति को हम कह सकते हैं जो अपना जीवन उत्तम और संतुलित तरीके से व्यतीत करता है।
- शारीरिक आरोग्यता से तात्पर्य है शरीर को व्याधि अर्थात रोग से मुक्त रखना। शारीरिक आरोग्यता तभी आ सकती है जब हम अध्यात्म , व्यायाम ,साधना इत्यादि का सहारा लेगें।
- जीवन के प्रति सकारात्मक सोच शारीरिक आरोग्यता में औषधि का कार्य करती है, इसलिए अगर शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना चाहते हैं तो मनुष्य को अपने शरीर के प्रति सजग रहना होगा, संतुलित आहार , व्यायाम और तनाव मुक्ति इसके साधन है।
- दैनिक जीवन में शारीरिक सुयोग्यता और आरोग्यता का बहुत ही महत्व है। अगर हम कोई भी महत्वपूर्ण कार्य करते हैं तो जब तक हम स्वस्थ एवं उस कार्य के लिए शारीरिक रूप से सुयोग्य नहीं रहेंगे तो प्रभावशाली तरीके से अपने कार्य करने में सक्षम नहीं हो सकेंगे।
- मान लीजिए कोई खिलाड़ी शारीरिक रूप से अस्वस्थ है , तो खेल के कार्य को प्रभावशाली ढंग से नहीं कर पाएगा।
- इसलिए हमें दैनिक जीवन में शारीरिक सुयोग्यता और आरोग्यता का ध्यान रखना चाहिए, इसका दैनिक जीवन में बहुत ही महत्व है।
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