Mahila sashaktikaran par Chitra varnan
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Explanation:
नारी विश्व की चेतना है, माया है, ममता है, और मुक्ति है। वह समाज की वास्तविक वास्तुकार होती है। दुसरे शब्दों में कहे तो नारी घर की लक्ष्मी है यानि धन एवं आशीषों की वर्षा। इतिहास गवाह है कि नारी ने हमेशा से परिवार संचालन का उत्तरदायित्व सम्भालते हुए समाज निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारे आदि – ग्रंथों में नारी को गुरुतर मानते हुए यहाँ तक घोषित किया गया है – “यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता। ” अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते है।
लेकिन विडम्बना तो देखिए नारी में इतनी शक्ति होने के बावजूद भी उसके सशक्तिकरण की अत्यंत आवश्यकता महसूस हो रही है। नारी की इस वर्तमान स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है ? क्या वह खुद या कोई और ? बरहाल इस वक्त महिलाओं के विकास और उसके सशक्तिकरण की अत्यन्त आवश्यकता है । दुनिया भर के सभी देशों ने भी महिला उत्थान को एक महत्वपूर्ण विषय माना है। इसलिए विश्व भर में 8 मार्च को “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” महिलाओं को समर्पित एक विशेष दिवस के रूप में मनाया जाता है।
Answer:
नारी विश्व की चेतना है, माया है, ममता है, और मुक्ति है। वह समाज की वास्तविक वास्तुकार होती है। दुसरे शब्दों में कहे तो नारी घर की लक्ष्मी है यानि धन एवं आशीषों की वर्षा। इतिहास गवाह है कि नारी ने हमेशा से परिवार संचालन का उत्तरदायित्व सम्भालते हुए समाज निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारे आदि – ग्रंथों में नारी को गुरुतर मानते हुए यहाँ तक घोषित किया गया है – “यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता। ” अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते है।
लेकिन विडम्बना तो देखिए नारी में इतनी शक्ति होने के बावजूद भी उसके सशक्तिकरण की अत्यंत आवश्यकता महसूस हो रही है। नारी की इस वर्तमान स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है ? क्या वह खुद या कोई और ? बरहाल इस वक्त महिलाओं के विकास और उसके सशक्तिकरण की अत्यन्त आवश्यकता है । दुनिया भर के सभी देशों ने भी महिला उत्थान को एक महत्वपूर्ण विषय माना है। इसलिए विश्व भर में 8 मार्च को “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” महिलाओं को समर्पित एक विशेष दिवस के रूप में मनाया जाता है।