Hindi, asked by SujalSingh, 1 year ago

Mahilaon ke badalte smajik jeevan par kahani

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Answered by noor8216
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राष्ट्र तभी सशक्त बन सकता है, जब उसका हर नागरिक सशक्त हो। इसमें भी महिलाओं की भूमिका ही सबसे आगे है। परिवार में एक मां के रूप में वह अपनी यह भूमिका अदा करती है। राष्ट्र निर्माण में उसके इस योगदान का लंबा इतिहास रहा है। विद्वानों का मानना है कि प्राचीन भारत में महिलाओं को जीवन के सभी क्षेत्रों में पुरुषों के साथ बराबरी का दर्जा हासिल था।
पतंजलि और कात्यायन जैसे प्राचीन भारतीय व्याकरणविदों का कहना है कि प्रारंभिक वैदिक काल में महिलाओं को शिक्षा दी जाती थी। ऋग्वेदिक ऋचाएं ये बताती हैं कि महिलाओं की शादी एक परिपक्व उम्र में होती थी और संभवत: उन्हें अपना पति चुनने की भी आजादी थी। ऋग्वेद और उपनिषद जैसे ग्रंथ कई महिला साध्वियों और संतों के बारे में बताते हैं जिनमें गार्गी और मैत्रेयी के नाम उल्लेखनीय हैं।
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