Hindi, asked by bharatsaini8476, 1 year ago

Mai nark se bol raha hu story converter dialogue writing hindi

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Answered by amit52841723
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mai nark se bol raha hu.

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Answered by bhatiamona
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मैं नर्क से बोल रहा हूँ। हरिशंकर परसाई द्वारा लिखी गई एक व्यंग्यात्मक रचना है। जिसमें हरि शंकर परसाई ने समाज के पाखंड पर व्यंग किया है।

परसाई जी कहते हैं कि इस संसार में जिंदा आदमी की कदर करने वाला कोई नहीं रहता है, लेकिन उसके मरने के बाद सब उसकी पूजा करते हैं। जो जिंदा है उसकी तरफ आँख उठाकर नहीं देखते लेकिन जब वो मर जाता है तो उसकी लाश के पीछे जुलूस बनाकर चलते हैं। जिंदा आदमी बहुत प्यार से मर जाता है लेकिन पत्थर की मूर्तियों को तरह-तरह के पकवान चढ़ाए जाते हैं।

व्यंग में एक ऐसे आदमी का जिक्र है जो जिंदगी भर लोगों द्वारा तिरस्कृत किया जाता रहा और अंत में वह भूख से मरकर नर्क जा पहुंचा, उस समय उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा कि जब उसने देखा कि वह तो नर्क में है लेकिन उसका कुत्ता स्वर्ग में है। व्यक्ति भगवान से फरियाद करता है कि

वह नर्क में क्यों और उसका कुत्ता स्वर्ग में क्यों?

तब भगवान उसे कहते हैं कि उसने आत्महत्या की है, इसलिए वह नर्क में है।

वह व्यक्ति बोलता है कि मैंने आत्महत्या नहीं की।

भगवान कहते हैं तुम्हारे देश के मंत्री ने कहा है कि तुम ने आत्महत्या की। तुम्हारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट कहती है कि तुम ने आत्महत्या की।

वह व्यक्ति कहता है मैं भूख से मरा और मेरा कोई पोस्टमार्टम नहीं हुआ। यह रिपोर्ट झूठी है।

भगवान कहते हैं, यह सब तुम ही जानो तुम्हारी जो रिपोर्ट है, उसके आधार पर हमने तुम्हारे लिये नरक तय किया है।

इस तरह हरिशंकर परसाई के व्यंग्य के माध्यम से समाज के उस पाखंड पर कटाक्ष किया है, जहां पर केवल झूठ का बोलबाला होता है। झूठी रिपोर्ट बनाकर भूख से मरने वाले व्यक्ति को भी आत्महत्या से मरने वाले व्यक्ति के रूप में सिद्ध कर दिया जाता है। जहां पर धन्ना सेठों के गोदामों में हजारों टन अनाज पड़ा रहता है तो वहीं दूसरी तरफ समाज में अन्न के अभाव में भूख से मर रहे होते हैं। यही हमारे समाज की विसंगति है। हरिशंकर परसाई ने व्यंग्यात्मक शैली में इसी विसंगति को उजागर किया है।

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