मन बड़ा चंचल होता होता है। वह क्षण भर में आकाश-पाताल एक कर देता ह। उसकी गति समय से भी अधिक तीव्र है। मन केवल भूत ,वर्तमान और भविष्य का ज्ञाता ही नहीं होता अपितु वह अतीत की स्मृति भी सजोए रखता है। वह वर्तमान का चितन और भविष्य की कल्पना करता है। मन की चंचलता मानव के सामने एक बड़ी समस्या है क्योंकि अपनी चंचल प्रवृति के कारण वह एकाय नहीं हो पाता। मन की यही चचलता व्यक्ति की सफलता में सबसे बड़ी बाधा है। अब प्रश्न यह उठता है मन की चंचलता पर कैसे नियत्रण पाया जाए? मन को एकाग्र के लिए उसका दमन करना अथवा चित्तवृतियों का विरोध करना उचित होगा। यदि मन का दमन किया गया तो मन में एक दिन विस्फोट हो जाएगा,वह मन के टुकड़े टुकड़े कर देगा। उसके परिणामस्वरूप बुद्धि की निर्णय की क्षमता समाप्त हो जाएगी। क) मन का दमन किस प्रकार घातक है? ख) मन किसका ज्ञाता है और क्यों? ग) उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए। घ) मानव के सामने बड़ी समस्या क्या है और क्यों? ड) आकाश शब्द के दो दो पर्यायवाची शब्द लिखें।
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bhai itna bada question baba mar gaya
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