मन करता है सूरज बनकर
आसमान में दौड़ लगाऊँ।
मन करता है चंदा बनकर
सब तारों पर अकड़ दिखाऊँ।
मन करता है तितली बनकर
दूर-दूर तक उड़ता जाऊँ |FIEकी
मन करता है कोयल बनकर
मीठे-मीठे बोल सुनाऊँ।
मन करता है चिड़िया बनकर
चीं-ची-चूं-शोर मचाऊँ।
मन करता है चरखी लेकर
पीली-लाल पतंग उड़ाऊँ।
-सुरेंद्र विक्रम
man karta hai kavithaka saransh likho
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मन करता है सूरज बनकर
आसमान में दौड़ लगाऊँ।
मन करता है चंदा बनकर
सब तारों पर अकड़ दिखाऊँ।
मन करता है तितली बनकर
दूर-दूर तक उड़ता जाऊँ |FIEकी
मन करता है कोयल बनकर
मीठे-मीठे बोल सुनाऊँ।
मन करता है चिड़िया बनकर
चीं-ची-चूं-शोर मचाऊँ।
मन करता है चरखी लेकर
पीली-लाल पतंग उड़ाऊँ।
-सुरेंद्र विक्रम
man karta hai kavithaka saransh likho
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