Hindi, asked by wildyash26, 11 months ago

मन मे ईष्या के भाव उत्पन हि न हो इसके लिए आप क्या करेंगे​


wildyash26: I am not wasting my time
wildyash26: losers
ramatiwari9075: So i didn't say that
ramatiwari9075: I think tumhe samajh nhi aata sweet and sower language mein bolne mein...
ramatiwari9075: And fact is fact ... If u can't understand it then it's ur problem .... And loser bolna khud ko .... I was giving u right opinion and meine tumhari koi insult nhi ki Jo Tumne report Kiya hai aur apni faltu ki bakwaas kr the ho

Answers

Answered by sandhya2251
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हम दूसरे की खुशी में खुश रहे तो हम ईर्ष्या और द्वेष से बच सकते हैं

Answered by Anonymous
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मन में ईर्ष्या का भाव उत्पन्न ही ना हो, इसके लिए हमारा मन किसी विशेष लक्ष्य से पूर्ण होना चाहिए। जिसमें, किसी और क्षेत्र के बारे में सोचने या चर्चा करने के लिए फिज़ूल समय ना हो। ऐसी, स्थिति में हमारा मन केवल हमारे लक्ष्य पर केंद्रित होना चाहिए।

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