मन मे ईष्या के भाव उत्पन हि न हो इसके लिए आप क्या करेंगे
wildyash26:
I am not wasting my time
Answers
Answered by
2
हम दूसरे की खुशी में खुश रहे तो हम ईर्ष्या और द्वेष से बच सकते हैं
Answered by
0
मन में ईर्ष्या का भाव उत्पन्न ही ना हो, इसके लिए हमारा मन किसी विशेष लक्ष्य से पूर्ण होना चाहिए। जिसमें, किसी और क्षेत्र के बारे में सोचने या चर्चा करने के लिए फिज़ूल समय ना हो। ऐसी, स्थिति में हमारा मन केवल हमारे लक्ष्य पर केंद्रित होना चाहिए।
☆ Mark as Brainliest please ☆
Similar questions