मनोरंजन के माध्यम से आधुनिक मनोरंजन के द्वारा बिगड़ती सामाजिक व्यवस्था पर अनुच्छेद लिखिए
Answers
Answered by
0
Answer:
प्रस्तावना:- मनुष्य सामाजिक प्राणी है। कर्म प्रधान दिनचर्या से थकने पर हल्कापन महसूस करने के लिए, मनोरंजन जीवन के लिए आवश्यक हो जाता है। मनोरंजन के अभाव में जीवन में नीरासता आ जाती है। नीरासता से छूटकारा पाने के लिए व्यक्ति दिल बहलाने के अनेक साधनों का उपयोग करता है, मनोरंजन से मन तो हल्का होता ही है। शरीर मे स्फुर्ति आती है और कार्य क्षमता में व्रद्धि होती है। पहले के समय मे आज जितने मनोरंजन के साधन है तब नही थे। फिर भी उनके साधन जो थे, उनका प्रयोग आज भी किया जाता है। जिसे घुड़सवारी, चौपाल, ढोलक, शतरंज और कई क्षेत्रीय संगीत से लोग अपना शौक पूरा कर लेते थे।
पर आज के दौर में मनोरंजन के साधनों की कोई कमी नही है।
Similar questions