मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी कितनी मिथ्या और उल्टी निकलती हैं' −का आशय स्पष्ट कीजिए।
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उत्तर :
इस पंक्ति के द्वारा लिखा का स्पष्ट करना चाहता है कि कई बार मनुष्य सोचता कुछ है किंतु होता कुछ और है। मनुष्य अपनी बुद्धि से सोच समझकर अनुमान लगाता है और भावी योजनाएं बनाता है ,लेकिन समय आने पर वह सभी अनुमान और योजनाएं गलत सिद्ध होती हैं। उसकी सारी बातें धरी की धरी रह जाती हैं। इस पाठ में भी लेखक सांप को डंडे से मारने की योजना बना कर कुएं में कुदता है परंतु कुएं के नीचे पहुंचने पर वह देखता है कि उसका अनुमान और योजना बिल्कुल गलत थी। कुएं का व्यास कम होने के कारण वह डंडा चलाने की जगह ही नहीं थी। लेखक द्वारा लगाया गया अनुमान और उसकी योजना व्यर्थ सिद्ध होती है ।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
Answer:
इस कथन से हमें यह पता चलता है कि कई बार हमारी बनाई हुई योजनाएं और अनुमान सही नहीं होते जैसे लेखक ने एकदम तय किया कि वह कुएं में उतर कर सबको मारेंगे और यह उनके लिए बहुत आसान होगा क्योंकि वह कई बार सांप को अपने डंडे से मार चुके हैं परंतु जब है कुएं में उतरे तो उन्हें यह देखा कि कुएं में इतनी जगह नहीं थी कि वह सांप को मार सके और उनका अनुमान गलत निकला।