मनुष्यः किं हित्वा सुखी भवति ?
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मनुष्यः किं हित्वा सुखी भवति ?
Explanation:
मनुष्य की हितों की पुष्टि दूसरे मनुष्य के द्वारा ही संभव हैं, क्योंकि हर एक मनुष्य के अंदर इंसानियत की भावना मौजूद रहती ही रहती हैं। इंसानियत ही वह एक भावना है जो की इंसानों को दूसरे जीवों से अलग बनाता हैं।
ऐसे में एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य की हितों को सुरक्षित कर के रखना चाहिए। इससे पूरे विश्व में समता और शांति कायम रहेगा और अहिंसा की भावना लोगों के अंदर से भी मीट जाएगा। मनुष्य के हितों को देखते हुए हमें यह ध्यान में रखना पड़ेगा की, हम ऐसा कोई भी काम न करें की जिससे दूसरों को चोट पहुंचे।
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