मनुष्य के हृदय की कार्य विधि को समझाए।
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Explanation:
हृदय का प्रमुख कार्य शरीर के विभिन्न भागों में रुधिर पहुँचाना है। हृदय ही शरीर के विभिन्न भागों से रुधिर को ग्रहण भी करता हैं।
हृदय शरीर में रुधिर को पम्प करने का कार्य करता है। इस कार्य के लिए हृदय हर समय सिकुड़ता तथा शिथिल होता रहता है। हृदय के सिकुड़ने को प्रकुंचन (सिस्टोल) तथा शिथिल होने को अनुशिथिलन (डायस्टोल) कहते हैं। अलिन्दो के शिथिल होने से रुधिर महाशिराओं से आकर अलिन्दों में, जबकि निलयों के शिथिल होने से रुधिर अलिन्दो से निलयों में एकत्र हो जाता है। जब हदय के इन भागों में प्रकुंचन होता है तो रुधिर अलिन्दों से निलय में तथा निलयों से महाधमनियों में धकेल दिया जाता है। अलिन्दों तथा निलयों में ये क्रियाएँ क्रमश: तथा एक के बाद एक होती है।
Human heart is four chambered.
Explanation:
- The heart is around the size of the fist. The human heart consists of two atrium and two ventricles that divide it into four chambers.
- The pulmonary circulation of heart the deoxygenated blood enters into the lungs through the right ventricle of the heart. The pulmonary vein bring the oxygenated blood in the heart.
- In systemic circulation, the oxygenated blood enters in the body through the left ventricle and deoxygenated blood from the body enters in the heart through right atrium.
- The human heart shows double circulation and oxygenated and deoxygenated blood separation is naturally present.
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