मनुष्य के जीवन में लक्ष्य का होना बहुत आवश्यक है. लक्ष्य के बिना जीवन दिशाहीन तथा व्यर्थ ही है. एक बार एक दिशाहीन युवा आगे बढ़े जा रहा था, राह में महात्मा जी की कुटिया देख रूककर महात्मा जी से पूछने लगा कि यह रास्ता कहाँ जाता है. महात्मा जी ने पूछा " तुम कहाँ जाना चाहते हो ". युवक ने कहा " मैं नहीं जानता मुझे कहाँ जाना है ". महात्मा जी ने कहा "जब तुम्हें पता ही नहीं है कि तुम्हें कहाँ जाना है,
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मनुष्य के जीवन में लक्ष्य का होना बहुत आवश्यक है. लक्ष्य के बिना जीवन दिशाहीन तथा व्यर्थ ही है. एक बार एक दिशाहीन युवा आगे बढ़े जा रहा था, राह में महात्मा जी की कुटिया देख रूककर महात्मा जी से पूछने लगा कि यह रास्ता कहाँ जाता है. ... वास्तव में जीवन उसी का सार्थक है जिसमें परिस्थितियों को बदलने का साहस है.
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