मनुष्य के जीवन में मस्ती क्यों होनी चाहिए
और किस सीमा तक?
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उत्तर :
प्रत्येक इंसान के जीवन में मस्ती अवश्य होनी चाहिए यह बात सही है। मस्ती ऐसी होनी चाहिए जिससे किसी को कोई प्रकार का नुकसान न पहुंचे। प्रत्येक आयु में मस्ती अलग-अलग तरीके की हो सकती है। छोटे बच्चों को खेलना कूदना, काम न करना आदि क्रियाएं ही मस्ती है। युवा लोग अपनी क्रियाओं व मस्ती भरे आचरण से समाज को नई शिक्षा भी प्रदान करता है। लेकिन अनियंत्रित मस्ती कभी हानिकारक भी हो सकती है। यह व्यक्ति को उसके रास्ते से भटका देती है। मैं उस प्रकार की मस्ती का पक्ष लेता हूं जो समाज एवं देश को नया रास्ता व नया ज्ञान प्रदान करने का काम करती है।
Answer:
Manushya ke jivan Mein masti isliye honi chahte kyuki itni gambhir jivan Mein yadi ham hasenge nhi apna toh pura jivan niras ho jayenga
Par masti hamesa aisi honi chahiye ki dusaro ko aahat na pahuche.