* मनुष्य का मित्र - कम्प्यूटर
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वस्तुत: मानव सभ्यता के विकास में सूचनाओं कं आदान-प्रदान का विशेष महत्त्व रहा है । इसके अभाव में विकास संभव नहीं था । आरंभ में लोगों को कंप्यूटर की क्षमता पर भरोसा नहीं था, किंतु आज घर से बाहर तक सभी कामों में कंप्यूटर इस तरह घुसपैठ कर चुका है कि इसके बिना जीवन की कल्पना करना भी असंभव है ।
आरंभिक काल में कंप्यूटर इतने सक्षम नहीं थे, लेकिन इसके विकास-क्रम के दूसरे चरण में जब कंप्यूटर की आंतरिक संरचना मैं परिवर्तन आया, तब वह पहले से कहीं अधिक सक्षम और उपयोगी बन गया । आज कंप्यूटरों ने कार्यालयों में काम-काज को नया रूप दिया है ।
फाइलें और रजिस्टर धीरे-धीरे दफ्तरों से विदा होते जा रहे हैं । इसके अतिरिक्त ऐसे कामों के लिए जहाँ बहुत अधिक आँकड़े जमा करने पड़ते हैं, जैसे कि रेलवे आरक्षण, जहाँ टिकट आरक्षण के साथ-साथ गाड़ियों के आने-जाने से संबंधित सारी जानकारी भी तुरंत उपलब्ध करानी होती है, वहाँ कंप्यूटर सर्वाधिक उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं ।
कंप्यूटर में संगृहीत आँकड़ों के आधार पर तत्काल कोई भी सूचना सुगमतापूर्वक प्राप्त की जा सकती है । इनके अतिरिक्त बाजार, शेयर बाजार, हवाई अड्डा और यहाँ तक कि घर का हिसाब-किताब रखने और सारी व्यवस्था करने में यह कंप्यूटर डाटाबेस सहायक सिद्ध हो रहे हैं ।
आज बाजार में ऐसे बहुत सारे सॉफ्टवेयर पैकेज मौजूद हैं, जिनकी सहायता से आम व्यक्ति कंप्यूटर की थोड़ी-बहुत जानकारी प्राप्त करके सरलतापूर्वक सूचनाओं को संसाधित कर घंटों के काम को मिनटों में कर सकता है । त्वरित गणना और गणना संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ‘कंप्यूटर’ का आविष्कार हुआ । आज अंतरिक्ष यंत्र, मौसम संबंधी भविष्यवाणियों, व्यवसाय, चिकित्सा और अखबारी दुनिया में कंप्यूटर का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है ।