Hindi, asked by chawlaashok20, 3 months ago

मनुष्य का मनुष्य है पशु पक्षी है जहां जन्म लेते हैं अपने उस देश को प्रेम करते हैं जंगल में पैदा हुए किसी जानवर को अपने निर्णय में बंद कर सकते हैं उसे लाखाराम बचाने की कोशिश कर सकते हैं पर वह सुखी नहीं हो सकता उसे तो आपने जंगल का देश ही प्यारा लगता है उसी तरह मुक्त आकाश में उड़ने वाले पक्षी को बिजली में बंद करके सब तरह का सुख पहुंचाना चाहे तो भी वह कदापि सुखी नहीं हो सकता उसका देश खुला आकाश पेड़ों की शाखाएं और घोंसला है वहां अवधू वर्षों के कष्ट सहकर भी सुखी रह सकता है इस गधयखंड में हमें क्या सीख मिलती है​

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Answered by ahmadmarghoob31
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Answer:

इस गद्यांश से हमें यह सीख मिलती है कि हमें पशु पक्षियों को पिंजरे में बंद नहीं करना चाहिए वह जंगल में आजाद रहना पसंद करते हैं और उन्हें वही खुशी मिलती है।

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