। मनुष्य की पशुता को जितनी बार भी काट दो,
) वह कटना नहीं जानती। (आ) वह बढ़ती ही रहती है। (इ) वह मरना नहीं जानती।
Answers
Answered by
0
Answer:
vah bathti hi rhti h
Explanation:
vah bathti hi rhti h
Answered by
0
Answer:
no.............................
Similar questions