Hindi, asked by zkarthiksriram9234, 1 year ago

मनुष्य की उत्पादन करने की वैज्ञानिक क्षमता और उसके उत्पाद का उपभोग करने की सामाजिक अक्षमता के बीच असंतुलन क्या है। इस कथन कि व्याख्या करे।

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Answered by princesingh94
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manushya ke utpadan karne ki vaigyanik Santa aur uske utpad ka upyog karne ki Asan samajika Santa ke bich asantulan isliye Hai Kyunki Kyunki Vigyan bahut hi Pragati kar chuka Hai Tabhi Toh Hona Tha lekin kuch nahi lete hain uska Karte Hain

Answered by bhatiamona
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मनुष्य की उत्पादन करने की वैज्ञानिक क्षमता और उसके उत्पाद का उपभोग करने की सामाजिक अक्षमता के बीच असंतुलन

मनुष्य की उत्पादन करने की वैज्ञानिक क्षमता से हमारा तात्पर्य आज के समय में आधुनिक कृषि एवं उन्नत किस्म की बीज से है जो सालों भर में हर प्रकार की पैदावार की जाती है |

हमारे भारत में दुःख की यह बात है की आधुनिक कृषि अभी भी कुछ बड़े किसानों तक ही सीमित है , जिनके पास बड़ी-बड़ी मशीने है , पैसे है बीज और खाद खरीदने के| जिसके उसके उपयोग में हमारे समाज में एक व्यापक अक्षमता के बीच एक असंतुलन पैदा करता है , जिसके कारण कुछ किसान पीछे रह जाते है|

हमारे देश में  भुखमरी गरीबी तथा यह संतुलन हमारे समाज में बहुत ही फैलती जा रही है, जो कभी कभी अपराध का रूप ले लेता है |

हमारे समाज को यह मुख्यतः तीन वर्गों में विभाजित कर देता है

एक वर्ग है जो उच्च वर्ग है वह अपनी लालन पोषण बहुत ही सही तरीके से करता है| उसके पास वैज्ञानिक तरीके खेती करने के सभी उपकरण है| वह आसानी से खेती कर सकते है|

दूसरा वर्ग जो मध्यमवर्ग है अपना लालन पोषण बहुत ही कठिन परिश्रम के द्वारा कर पाता है| उनके पास उपकरण बहुत कम है|

तीसरा वर्ग जो सबसे निम्न वर्ग है वह अपना लालन पोषण तो दूर की बात है उसे दो वक्त की भोजन भी ठीक से नसीब नहीं होती है जो हमारे वैज्ञानिक क्षमता के उत्पादन के बावजूद हमारे उत्पादन के उपभोग में सामाजिक क्षमता के बीच असंतुलन उत्पन्न कर देता है| उनके पास खेती करने के लिए खेत भी नहीं होते वह दूसरों के खेतों में काम करके अपना जीवन का निर्वाह करते है|

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