मनुष्यता कविता और Ab Kahan dusro Ke Dukh se Dukhi hone wale paath ka Kendriya Bhav ek hi hai Siddh kijiye
Answers
Answered by
12
Answer:
mark me as brainliest answer please
Explanation:
Answer: Explanation: मनुष्यता कविता में और पाठ अब कहां दूसरों के दुख से दुखी होने वाले का केंद्रीय भाव केवल यही है कि हमें सबको समान दृष्टि से देखना चाहिए और यदि वे संकट में हो तो उनकी सहायता करनी चाहिए, परोपकार करना चाहिए।
Similar questions