Hindi, asked by tasleemsiddiqu9102, 11 months ago

'मनुष्यता' नमक पाठ के आधार पर मनुष्य तथा पशु के मध्य विभेद कीजिए I

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Answered by coolthakursaini36
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मनुष्यता नामक पाठ में कवि मनुष्य तथा पशु के मध्य भेद बताते हुए कहता है कि मनुष्य वही है जो दूसरों के काम आए अर्थात मुसीबत के समय दूसरों की सहायता करें। दूसरों के कष्ट को अपना कष्ट समझे तथा तुरंत उसकी सहायता के लिए तैयार हो जाए उस व्यक्ति में मनुष्यता के गुण हैं। कवि कहता है कि अपने जीवन में परहित के लिए ऐसे काम कर जाओ कि जब आपकी मृत्यु भी हो जाए तब भी लोग आपको मृत्यु के बाद भी याद करते रहें।

लेकिन दूसरी तरफ जो मनुष्य होते हुए भी पशुओं की तरह आचरण करते हैं। उन्हें किसी दूसरे के कष्ट से कोई लेना देना नहीं होता है वे हर काम में अपना ही हित देखते हैं। ऐसे लोग अपने लिए ही जीते हैं और अपने लिए ही मरते हैं। कवि ने उन्हें मनुष्य के रूप में पशु कहा है।

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