Hindi, asked by akhileshparoliya1999, 4 months ago

मणि खोए भुजंग सी जननी फन सा पटक रही थी सीस इसका अर्थ क्या है?????

Answers

Answered by bhatiamona
1

मणि खोये भुजंग-सी जननी, फन सा पटक रही थी शीश

अन्धी आज बनाकर मुझको, किया न्याय तुमने जगदीश​

इन पंक्तियों का अर्थ है कि श्रवण की मृत्यु पर उसकी माता विलाप करत हुए कहती है, कि जिस तरह किसी साँप की मणि खो जाने पर वह व्याकुल होकर अपना फन पटकता है, उसी तरह उसका मणि समान पुत्र श्रवण की मृत्यु होने पर ये माँ पर अपना सिर पटक पटक कर विलाप कर रही है। हे प्रभु तुमने मेरे पुत्र को मुझसे छीनकर मुझे अंधा और असहाय बना दिया। क्या यही तुम्हारा न्याय है?

रस : करुण रस

इन पक्तियों में ‘करुण रस’ की उत्पत्ति हो रही है। क्योंकि पंक्ति में  दुख का भाव प्रकट हो रहा है।

करुण रस में किसी अपने प्रियजन के वियोग या अन्य किसी प्रकार की हानि अथवा प्रियतम से बिरह आदि के कारण जो दुख एवं वेदना उत्पन्न होती है, वहाँ करुण रस प्रकट होता है।

करुण रस का स्थाई भाव होता है और इसके अनुभाव छाती पीटना, गहरी सांस छोड़ना, लेना, लोटना, भूमि पर पछाड़ खाकर गिरना, विलाप करना आदि हैं।

Similar questions