Manak sawar kya hai 200 sabdo me
Answers
मानक भाषा को कई नामों से पुकारते हैं। इसे कुछ लोग ‘परिनिष्ठित भाषा’कहते हैं और कई लोग ‘साधु भाषा’। इसे ‘नागर भाषा’ भी कहा जाता है ।अंग्रेजी में इसे Standard Language’ कहते हैं। मानक का अर्थ होता है एकनिश्चित पैमाने के अनुसार गठित। मानक भाषा का अर्थ होगा, ऐसी भाषा जोएक निश्चित पैमाने के अनुसार लिखी या बोली जाती है। मानक भाषाव्याकरण के अनुसार ही लिखी और बोली जाती है अर्थात् मानक भाषा कापैमाना उसका व्याकरण है। हम जब किसी अपरिचित व्यक्ति से मिलते हैं तोउससे मानक भाषा में ही बातचीत करते हैं, जब हम कक्षा में किसी प्रश्न काउत्तर देते हैं तो हम मानक भाषा का ही प्रयोग करते हैं। हम पत्र-व्यवहार मेंमानक भाषा ही लिखते हैं। समाचार पत्रों में जो भाषा लिखी जाती है, वह भीमानक ही होती है। आकाशवाणी और दूरदर्शन के समाचार मानक भाषा में हीप्रसारित किए जाते हैं। हमारे प्रशासन के सारे कामकाज मानक भाषा में हीसम्पन्न होते हैं। कहने का आशय यह है कि मानक भाषा हमारे बृहत्तर समाजको सांस्कृतिक स्तर पर आपस में जोड़ती है और हम उसी के माध्यम सेएक-दूसरे तक पहुँचते हैं। मानक भाषा हमारी बात दूसरों तक ठीक उसी रूपमें पहुँचाती है जो हमारा आशय होता है। अत: मानक भाषा सर्वमान्य भाषाहोती है, वह व्याकरण सम्मत होती है और उसमें निश्चत अर्थ सम्प्रेषित करनेकी क्षमता होती है। गठन और सम्प्रेषण की एकरूपता उसका सबसे बड़ालक्षण है। यह भाषा सांस्कृतिक मूल्योंं का प्रतीक बन जाती है। धीरे-धीरे इसमानक भाषा की शब्दावली, उसका व्याकरण, उसके उच्चारण का स्वरूपनिश्चित और स्थिर हो जाता है और इसका प्रसार और विस्तार पूरे भाषा क्षेत्रमें हो जाता है। इस प्रकार मानक भाषा की परिभाषा निम्नलिखित शब्दों में दीजा सकती है :
‘‘मानक भाषा किसी भाषा के उस रूप को कहते हैं जो उस भाषा के पूरे क्षेत्र में शुद्ध माना जाता है तथा जिसे उस प्रदेश का शिक्षित और शिष्ट समाज अपनी भाषा का आदर्श रूप मानता है और प्राय: सभी औपचारिक स्थितियों में, लेखन में, प्रशासन और शिक्षा के माध्यम के रूप में यथासाध्य उसी का प्रयोग करता है।’’ इसी के आधार पर मानक भाषा के लक्षण निश्चित होते हैं :-