Hindi, asked by lucky949090, 1 year ago

Manav aur prakruti Ka asanthulan

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Answered by rchauhanskr
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मानव और प्रकृति में संतुलन

2 years ago विजय कुमार

इन दिनों प्रायः देश के किसी ने किसी भाग से गांव में घुस आये बाघ, हाथी आदि जंगली जानवरों की चर्चा होती रहती है। बस्ती के आसपास मित्र की तरह रहने वाले कुत्ते और बंदरों का आतंक भी यदा-कदा सुनने को मिलता रहता है। कुछ राज्य सरकारें इनकी नसबंदी करा रही हैं। इससे लाभ होगा या हानि, यह तो 20-25 साल बाद ही पता लगेगा।

मानव और पशु-पक्षियों का साथ सदा ही रहा है। सृष्टि में शाकाहारी से लेकर मांसाहारी तक, लाखों तरह और आकार-प्रकार के प्राणी हैं। उनमें से कई का तो हमें अभी तक पता ही नहीं है। जैसे शरीर में कई अंग दिखायी देते हैं, तो कई नहीं। कुछ छोटे हैं, तो कुछ बड़े। फिर भी हर अंग का अपना महत्व एवं उपयोग है। सब एक-दूजे पर आश्रित हैं। यही स्थिति विभिन्न जीव-जंतुओं की है। इसलिए कुछ जीवों को सृष्टि से पूरी तरह मिटा देने के प्रयास कभी भी उचित नहीं कहा जा सकता।

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