Biology, asked by rajkumartripathi35, 3 months ago

manav utsharjan ko sanchipt me samjhaiye​

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Answered by anieshadey653
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Explanation:

मनुष्य में उत्सर्जन (Excretion in human): मनुष्य के उत्सर्जन तंत्र में निम्नलिखित अंग आते हैं- 1. वृक्क (Kidney), 2. फेफड़ा (Lungs), 3. त्वचा (Skin) 4. यकृत (Liver) एवं 5. आंत (Intestine)

1 वृक्क (Kidney): मनुष्य एवं अन्य स्तनधारियों में मुख्य उत्सर्जी अंग एक जोड़ा वृक्क (Kidneys) होता है जो रुधिर परिसंचरण से उत्सर्जी – पदार्थों को हटाने, साथ-ही-साथ रुधिर में लाभदायक तत्वों को बनाए रखने के लिए भली-भाँति अनुकूलित होते हैं। वृक्क सेम के बीज के आकार के होते हैं। उदार गुहा (Abdominal cavity) में पीठ की ओर कमर के क्षेत्र में, कशेरुक दण्ड (Vertebral column) के दोनों ओर एक-एक वृक्क स्थित होता है। इसके चारों तरफ पेरिटोनियम (Peritonium) नामक एक झिल्ली पायी जाती है। वयस्क मनुष्य में प्रत्येक वृक्क 4 से 5 इंच लम्बा, 2 इंच चौड़ा और लगभग 1.5 इंच मोटा होता है। इसका भार लगभग 140 ग्राम होता है। इसका बाहरी धरातल उत्तल (Convex) होता है तथा भीतरी धरातल अवतल होता है। वृक्क चारों ओर से मोटी वसा परतों द्वारा आच्छादित होते हैं, जो उनकी सुरक्षा करती है। वृक्क की भीतरी अवतल सतह हाइलम (Hilum) कहलाती है।

2 फेफड़ा (Lungs): मनुष्यों में वैसे तो फेफड़ा श्वसन तंत्र से सम्बन्धित अंग है लेकिन यह श्वसन के साथ-साथ उत्सर्जन का भी कार्य करता है। फेफड़ा द्वारा दो प्रकार के गैसीय पदार्थों कार्बन डाइऑक्साइड एवं जलवाष्प का उत्सर्जन होता है। कुछ पदार्थ जैसे- लहसुन, प्याज और कुछ मसाले जिनमें कुछ वाष्पशील घटक पाये जाते हैं, का उत्सर्जन फेफड़ों के द्वारा होता है।

त्वचा (skin): त्वचा में उपस्थित तैलीय ग्रन्थियाँ एवं स्वेद ग्रन्थियाँ क्रमशः सीबम एवं पसीने का स्राव करती हैं। सीबम एवं पसीने के साथ अनेक उत्सर्जी पदार्थ शरीर से बाहर निष्कासित हो जाते हैं।

3 यकृत (Liver): यकृत कोशिकाएँ आवश्यकता से अधिक ऐमीनो अम्ल तथा रुधिर की अमोनिया को यूरिया में परिवर्तित करके उत्सर्जन में मुख्य भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त यकृत तथा प्लीहा कोशिकाएँ टूटी-फूटी रुधिर कोशिकाओं को विखंडित कर उन्हें रक्त प्रवाह से अलग करती हैं। यकृत कोशिकाएँ हीमोग्लोबिन का भी विखण्डन कर उन्हें रक्त प्रवाह से अलग करती है।

4 आंत (Intestine): आंत की दीवार में रुधिर कोशिकाओं का जाल होता है। इन कोशिकाओं के रुधिर में विद्यमान वर्ज्य पदार्थ की कुछ मात्रा आँत की कोशिकाएँ विसरण क्रिया द्वारा अवशोषित करके आँत की गुहा में पहुँचा देती है। यहाँ से वे मल के साथ बाहर निकल जाते हैं। इस प्रकार ऑत अनपचे भोजन को शरीर से बाहर निकालकर उत्सर्जन में मदद करती है।

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