Manchitra ke fayde .
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hey
मानचित्र अनेक प्रकार के होते हैं और अनेक प्रकार से उपयोगी हैं। प्रति इकाई स्थान का मानचित्र किसी अन्य प्रकार के वर्ण या आलेखन की अपेक्षा अधिक तथ्यसूचक एवं समावेशी होता है। हजारों शब्दों में भी जिस तथ्य का ठीक ठीक वर्णन कर ज्ञान नहीं करा सकते, उसका ज्ञान वैज्ञानिक ढंग से तैयार किया गया एक छोटा मानचित्र सुविधा से करा सकता है। इसलिये आजकल सभी प्रकार के ज्ञान विज्ञान आदि संबंधी वस्तुस्थिति के बोध के लिये मानचित्रों तथा समानताबोधी आकृतियों, चित्रों आदि का अधिकाधिक उपयोग हो रहा है।
भूगोल तथा मानचित्र में धनिष्ठ संबंध है। भूगोल का अध्ययन और अध्यापन दोनों मानचित्र के बिना अधूरे तथा असंभव से लगते हैं। मानचित्र द्वारा विभिन्न तथ्यों की स्थिति, विस्तार अथवा वितरण एवं पारस्परिक स्थैतिक संबंधों का समुचित एवं सहज ज्ञान हो जाता है। उदाहरणस्वरूप, यदि हमें देशविशेष या उसके विभिन्न प्रशासनिक विभागों की कुल जनसंख्या का ज्ञान हो, तो भी उस ज्ञान से हमें जनसंख्या के वास्तविक वितरण का बोध नहीं हो पाता, किंतु उसी ज्ञान को मानचित्र पर अंकित करने पर न केवल वितरण का प्रत्युत क्षेत्रीय या स्थानीय जनसंकुलता के विभिन्न परिमाण भी स्पष्ट ज्ञान सहज ही हो जाता है। अत: मानचित्र के द्वारा पृथ्वी की वस्तुस्थितियों का जितना ज्ञान विहंगम दृष्टिमात्र से ही हो जाता है उतना पुस्तकीय अथवा किसी अन्य साधन द्वारा संभव नहीं है। भूगोल में वस्तुस्थिति के वितरण का विशेष अध्ययन होता है, इसलिये मानचित्र को अधिकाधिक महत्व प्रदान किया जाता है। सैनिक विज्ञान में भी मानचित्र को समुचित महत्व दिया जाता है।
मानचित्र अनेक प्रकार के होते हैं और अनेक प्रकार से उपयोगी हैं। प्रति इकाई स्थान का मानचित्र किसी अन्य प्रकार के वर्ण या आलेखन की अपेक्षा अधिक तथ्यसूचक एवं समावेशी होता है। हजारों शब्दों में भी जिस तथ्य का ठीक ठीक वर्णन कर ज्ञान नहीं करा सकते, उसका ज्ञान वैज्ञानिक ढंग से तैयार किया गया एक छोटा मानचित्र सुविधा से करा सकता है। इसलिये आजकल सभी प्रकार के ज्ञान विज्ञान आदि संबंधी वस्तुस्थिति के बोध के लिये मानचित्रों तथा समानताबोधी आकृतियों, चित्रों आदि का अधिकाधिक उपयोग हो रहा है।
भूगोल तथा मानचित्र में धनिष्ठ संबंध है। भूगोल का अध्ययन और अध्यापन दोनों मानचित्र के बिना अधूरे तथा असंभव से लगते हैं। मानचित्र द्वारा विभिन्न तथ्यों की स्थिति, विस्तार अथवा वितरण एवं पारस्परिक स्थैतिक संबंधों का समुचित एवं सहज ज्ञान हो जाता है। उदाहरणस्वरूप, यदि हमें देशविशेष या उसके विभिन्न प्रशासनिक विभागों की कुल जनसंख्या का ज्ञान हो, तो भी उस ज्ञान से हमें जनसंख्या के वास्तविक वितरण का बोध नहीं हो पाता, किंतु उसी ज्ञान को मानचित्र पर अंकित करने पर न केवल वितरण का प्रत्युत क्षेत्रीय या स्थानीय जनसंकुलता के विभिन्न परिमाण भी स्पष्ट ज्ञान सहज ही हो जाता है। अत: मानचित्र के द्वारा पृथ्वी की वस्तुस्थितियों का जितना ज्ञान विहंगम दृष्टिमात्र से ही हो जाता है उतना पुस्तकीय अथवा किसी अन्य साधन द्वारा संभव नहीं है। भूगोल में वस्तुस्थिति के वितरण का विशेष अध्ययन होता है, इसलिये मानचित्र को अधिकाधिक महत्व प्रदान किया जाता है। सैनिक विज्ञान में भी मानचित्र को समुचित महत्व दिया जाता है।
parwang:
I have asked labh not uses
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मानचित्र के फायदे निम्नलिखित हैं:
1. मानचित्र से हमें विभिन्न दिशाओं का पता दिशा सूचक की सहायता से चलता है
2. मानचित्र की सहायता से अब मानव जिस जगह जाना चाहते हैं वहां आसानी से पहुंच सकते हैं अब उनके पहले के यात्रियों की तरह कहीं को निकले और कहीं को पहुंचे जैसी संभावनाएं खत्म हो गई है
3. मानचित्र से किसी भी देश के विभिन्न देश की विभिन्न सीमाओं को पहचानने में आसानी होती है
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