Manikarnika ke bare mein 10 line
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- रानी लक्ष्मी बाई झांसी की रानी के नाम से भी प्रसिद्ध है|
- महान लक्ष्मी बाई का जन्म भारत में वाराणसी के भदैनी क्षेत्र में 19 नवंबर सन 1835 में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था|
- उनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था परंतु सभी ने प्यार से मनु या छबीली पुकारते थे|
- रानी लक्ष्मीबाई की वीरता पर आधारित “झांसी की रानी” एक अत्यधिक प्रसिद्ध कविता है जिसकी रचना सुभद्रा कुमारी चौहान ने की|
- इनकी माता का नाम भागीरथी बाई व पिता का नाम मोरोपंत तांबे था|
- झांसी की रानी का नाम प्रसिद्ध व मुख्य स्वतंत्रता सेनानियों में गिना जाता है भारत की स्वतंत्रता में इनका अहम योगदान था|
- यह सभी महिलाओं के लिए आदर्श व गर्व की प्रतिमा थी|
- रानी लक्ष्मीबाई बहुत ही सुंदर, बहादुर व निडर थी केवल 29 वर्ष की उम्र में उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेना से युद्ध किया था|
- ग्वालियर कोटा की सराय में 18 जून सन 1858 को सिर पर तलवार के वार से उनकी दुखद मृत्यु हो गयी थी यह शहादत पूरे देश में सदा-सदा के लिए अमर रहेगी|
- स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए महान लक्ष्मीबाई का योगदान अद्वितीय था वह हमेशा इस देश के दिलों में अमर रहेंगी|
- इनका विवाह 14 साल से कम आयु में गंगाधर राव से किया गया था|
- ये शास्त्रों व शस्त्रों की शिक्षा में निपुण थी, इन्हे घुड़सवारी, तीरंदाजी, तलवारबाजी आदि कुशलता से आती थी|
रानी लक्ष्मी बाई झांसी की रानी के नाम से भी प्रसिद्ध है|
महान लक्ष्मी बाई का जन्म भारत में वाराणसी के भदैनी क्षेत्र में 19 नवंबर सन 1835 में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था|
उनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था परंतु सभी ने प्यार से मनु या छबीली पुकारते थे|
रानी लक्ष्मीबाई की वीरता पर आधारित “झांसी की रानी” एक अत्यधिक प्रसिद्ध कविता है जिसकी रचना सुभद्रा कुमारी चौहान ने की|
इनकी माता का नाम भागीरथी बाई व पिता का नाम मोरोपंत तांबे था|
झांसी की रानी का नाम प्रसिद्ध व मुख्य स्वतंत्रता सेनानियों में गिना जाता है भारत की स्वतंत्रता में इनका अहम योगदान था|
यह सभी महिलाओं के लिए आदर्श व गर्व की प्रतिमा थी|
रानी लक्ष्मीबाई बहुत ही सुंदर, बहादुर व निडर थी केवल 29 वर्ष की उम्र में उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेना से युद्ध किया था|
ग्वालियर कोटा की सराय में 18 जून सन 1858 को सिर पर तलवार के वार से उनकी दुखद मृत्यु हो गयी थी यह शहादत पूरे देश में सदा-सदा के लिए अमर रहेगी|
स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए महान लक्ष्मीबाई का योगदान अद्वितीय था वह हमेशा इस देश के दिलों में अमर रहेंगी|
इनका विवाह 14 साल से कम आयु में गंगाधर राव से किया गया था|
ये शास्त्रों व शस्त्रों की शिक्षा में निपुण थी, इन्हे घुड़सवारी, तीरंदाजी, तलवारबाजी आदि कुशलता से आती थी|