Mantra and arrth please
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1.आचमन का अर्थ : आचमन का अर्थ होता है जल पीना। इससे पहले जल से शरीर के सभी छिद्रों को साफ करना। प्रार्थना, दर्शन, पूजा, यज्ञ आदि आरंभ करने से पूर्व शुद्धि के लिए मंत्र पढ़ते हुए जल पीना ही आचमन कहलाता है। आचमन के जल की मात्रा : आचमन के लिए जल सिर्फ इतना ही लिया या पिया जाता है जो कि हृदय तक पहुंच जाए।
आचमन करने से पहले अंगुलियां मिलाकर एकाग्रचित्त यानी एकसाथ करके पवित्र जल से बिना शब्द किए 3 बार आचमन करने से महान फल मिलता है। आचमन हमेशा 3 बार करना चाहिए।
आचमन करते हुए दिशाओं का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। आचमन करते हुए आपका मुख सदैव ही उत्तर, ईशान या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
Āchamanam is part of any ritual in the Hindu tradition and is done in the starting. It is a purification ritual that is believed to cure all physical and mental impurities.........
2...ओ३म्अरिष्टानि मेऽङ्मगानि तनूस्तन्वा में सहसन्तु ।। हे सर्वरक्षक प्रभो! मेरे शरीर के सभी अंग सबल और स्वस्थ हों ।
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