Hindi, asked by shilpakarmakar2908, 5 months ago

manushya ke vyahvar mein hi dusro ko virodhi bana lene wale dosh hote hai yah bhavarth kabir ke jis dohe mein vyakat hua hai vah doha likhiye

Answers

Answered by anushka33244
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heya mate!

here is ur ans...

>> मनुष्य के व्यवहार में ही दूसरों को विरोधी बना लेने वाले दोष होते हैं यह बात कबीर की निम्नलिखित साखी से स्पष्ट होती है - आवत गारी एक है , उलटत होइ अनेक। कह कबीर नहिं उलटिए , वही एक की एक।। इस साखी में कवि ने लोगों को सामाजिक मानदंडों से अवगत करवा कर उन्हें सचेत करने का प्रयत्न किया है।

hope it helps...

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