"मरो नहीं, मारो!’ का नारा किसने दिया?
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Answer:
लालबहादुर शास्त्री
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‘मरो नहीं मारो’ का नारा लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था।
Explanation:
लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री ने भारत के स्वाधीनता आंदोलन के समय ‘मरो नहीं मारो’ का नारा दिया था। जब भारत का स्वाधीनता आंदोलन अपने चरम पर था, तब 1942 के आसपास इंग्लैंड द्वितीय विश्वयुद्ध में बुरी तरह उलझ गया। ऐसे समय में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज को ‘दिल्ली चलो’ का नारा देकर कूच करने के लिए कहा।
गांधीजी ने 1942 में तत्कालीन बंबई में अंग्रेजों भारत छोड़ो का बिगुल फूंकते हुये भारतीयों को ‘करो या मरो’ का नारा दिया। ऐसी स्थिति में शास्त्री जी जो कि उस समय स्वाधीनता आंदोलन के स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्होंने इलाहाबाद पहुंचकर गांधीजी के ‘करो या मरो’ के नारे को ‘मरो नहीं मारो’ नारे में बदल दिया और इस नारे ने पूरे देश में एक अनोखी क्रांति का काम किया। शास्त्री जी ने इसके अलावा प्रधानमंत्री बनने के समय ‘जय जवान जय किसान’ का नारा भी दिया था।
लाल बहादुर शास्त्री 9 अगस्त 1964 से 11 जनवरी 1966 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे और उनकी रूस के ताशकंद में रहस्यमय परिस्थितियों में आकस्मिक मृत्यु हो गई थी।