मरा नहीं वहीं कि जो जिया न आपके लिए ‘ का भाव स्पष्ट करो ?
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इस पंक्ति का भाग यह है कि जो व्यक्ति दूसरों के लिए जीता है दूसरों के लिए हर दिन कष्ट करता है उस व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद भी वह उन लोगों के दिलों में जीवित रहता है जिन लोगों को उसने जीवन भर संभाला जैसे कि डॉ बाबा आमटे होंगे या फिर गांधीजी होंगे इन दोनों में से कोई भी अपने लिए नहीं जिए बल्कि पूरे विश्व के या देश के लोगों के लिए जिए ।
अर्थात पंक्ति का भावार्थ यह है जो स्वार्थ के लिए नहीं जीता बल्कि परमार्थ के लिए जीता है दूसरों के लिए जीता है वह मृत्यु के बाद भी लोगों के दिलों में जीवित रहता है
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