Hindi, asked by Nishchay7, 1 year ago

Mata pita ke laad pyaar se judi bhavnao ko dairy Shelly me ankit kijiye

Answers

Answered by lavina098
6
to karo.............

Nishchay7: ??
lavina098: qution puch re ho ya order de re ho.....hahaha
Anonymous: ok
lavina098: hm
Nishchay7: Plzz answer krdo mene question copy kiya h
Anonymous: nii malum
Answered by shailajavyas
19

Answer:  मंगलवार,

दिनांक-14/05/19  

समय-रात्रि 9:45 बजे

प्रिय  दैनंदिनी (डायरी)

Explanation:    कल मेरा परीक्षा फल घोषित होने के बाद से मैं कुछ अनमना था। सुबह 7:00 बजे मैं मां पिताजी के साथ नाश्ते की मेजपर बैठते ही बाते करने लगता ,पर आज मेरा मन बिल्कुल बात करने का नहीं था । मां ने देखा कि मेरा नाश्ता और दूध काफी देर से रखा हुआ है तो तुरंत पूछा" तू ठीक है ना ?" मैंने हां कहा था । पिताजी सामने की मेज पर अखबार पढ़ते हुए, तुरंत पेपर रखकर मेरे पास आ गए थे। मुझे छू कर उन्होंने मुझे बुखार नहीं है इस बात की पुष्टि की।  सबके लिए मैं दिलीप हूं पर मां और पिताजी का प्यारा मुन्ना। इतने में मां ने पिताजी को जानकारी दी थी कि मुन्ना के नतीजे घोषित होने के बाद से वह दुखी है । उसे प्रथम क्रमांक नहीं प्राप्त हुआ है इसलिए । पिताजी ने इस बात को साधारण बताकर स्वंय की आठवीं कक्षा में नापास हो जाने की बात कही। मुझसे बोले "तुम्हें तो द्वितीय क्रमांक आया है फिर भी नाखुश हो ?" कितनी सहजता से उन्होंने अपनी कमतरता जाहिर कर मेरा हौसला बढ़ाने का प्रयास किया था । मां ने भी दिखावटी सहमति व्यक्त  की कि मैं अपने पिताजी से कितना आगे हूं । मां ने जल्दी तैयार होने का बोलकर, कहा था कि तुम्हारे पिताजी हम सबको आज घुमाने ले जाने वाले हैं ।"  पिताजी ने मां की तरफ कनखियों से देखा, मां ने इशारा कर दिया अर्थात उनका ऐसा कोई प्रोग्राम नहीं था । मात्र मेरा दिल बहलाने के लिए उन्होंने बातों - बातों में कार्यक्रम तय कर लिया | पिताजी ने मुझे दुखी ना होने और अगले साल अधिक मेहनत करने की सलाह दी । उनके अनुसार आंकड़ों से ज्यादा ज्ञान की कीमत होती है । पिताजी और मां के इस स्नेह ने मेरे हृदय को गद्गद् कर दिया। मेरे चेहरे पर मुस्कान बिखर चुकी थी । मैं अब नाश्ता करने लगा था । फिर हम सब लोग तैयार होकर घूमने निकल पड़े।  आज दिनभर मैंने  मां पिताजी के साथ खूब मजे किए । पिताजी ने मुझे मेरे पसंद की सभी चीजें खरीद कर दी थी। मां ने मेरे साथ खाने पीने की वह सभी चीजें खाई और खिलाई जो मुझे पसंद थी । इस तरह आज का दिन बहुत ही अच्छा बीता । माता - पिता के इस निश्चल लाड़-प्यार  का सचमुच कोई मोल नहीं । अब शुभ रात्रि :)

सुजाता

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