mata pita par anuchhed
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जैसे ही इंसान बड़ा होता है तो माता-पिता उसको उंगली पकड़कर स्कूल की ओर ले जाते हैं जहा एक गुरु मिलते हैं जिससे इंसान जिंदगी में और भी आगे बढ़ता है ये जो सब होता है सिर्फ माता-पिता के वजह से होता है,हमारे जीवन में अपने माता-पिता का बहुत ज्यादा महत्व है आजकल मैंने देखा है बहुत से लोग अपने माता पिता को इज्जत नहीं देते उनकी बिल्कुल भी देखभाल नहीं करते,मैं उन सभी से कहना चाहूंगा दोस्तों आज आप जो भी हो सिर्फ और सिर्फ अपने माता-पिता की वजह से हो क्योंकि माता पिता हमारे लिए उसी तरह के हैं जैसे कि भगवान हैं लेकिन दोनों में एक अंतर होता है भगवान कभी भी हमारी हेल्प करने के लिए खुद नहीं आते लेकिन माता पिता हर पल हमारी मदद करने के लिए हमारे साथ तैयार होते हैं हमको एक अच्छा इंसान बनना चाहिए और माता-पिता के महत्व
को समझना चाहिए.
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मेरे लिए त्याग तपस्या की सर्वश्रेष्ठ जीवन्त मूर्ति, ममता और दया भाव से भरी, अपना दुःख भूल कर बच्चों के लिए जीने वाली, पेड़ पौधों, पशु पक्षियों तथा अपने क़रीब रहने वाले लोगों के दुःख दूर करने का हर सम्भव प्रयास करने वाली इंसान का नाम माँ है। मेरी माँ अपने जीवन के 80 वसंत देखने के बाद आज भी ऐसी हैं।
मेरे लिए मेरी माँ प्रथम पूज्य हैं। मेरे दिन का प्रारम्भ उनके आशीर्वाद से होता है। उनकी दुआओं का ही असर है कि आज हम खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं
भगवान हमारी किस्मत हमारे कर्मों के आधार पर लिखते हैं। पर माँ हमारी किस्मत हमारे बुरे कर्मों को माफ़ कर के लिखती है। इस तरह वो मेरे लिए धरती माँ की तरह हैं जो अपने अच्छे और बुरे बच्चों में कोई भेद नहीं करती है।
मेरे लिए मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी सहेली है। हम बच्चों को मात-पिता ने, कैसे कैसे पाला।
हमको कुछ भी समझ न आया, जाने ऊपरवाला।
माँ की ममता क्या होती है, माँ कैसी होती है।
सब कुछ बच्चों को दे देती, खुद भूखी सोती है।
ऐसी माँ के चरणों में हम, नित नित शीश झुकाएं।
कोशिश अपनी इतनी है बस, वो आंसू न बहाए।।
मात-पिता से बढ़कर जग में, नहीं है कोई दूजा।
यही हमारे गीता-भगवत, यही पाठ, यही पूजा।
मेरे भाई-मेरी बहना, तुम भी फर्ज निभाना।
हाथ जोड़ मैं करूँ निवेदन, दिल न उनका दुखाना।
मात-पिता ही इस धरती पर असली के भगवान हैं।
हमें गर्व है इसी बात का हम उनकी संतान हैं ।।
हमें गर्व है इसी बात का, हम उनकी संतान है।।
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